व्यर्थ न जाएँ इन्हें हम, अपनी जिंदगी ही बना लेंगे व्यर्थ न जाएँ इन्हें हम, अपनी जिंदगी ही बना लेंगे
अपना मन सोचता है ज्यादा मिलता है बहुत कम : अपना मन सोचता है ज्यादा मिलता है बहुत कम :
तब क्यों न ए दिल अकेले ही रहा जाए, जब कोई अपना आपका मन दुखाए। तब क्यों न ए दिल अकेले ही रहा जाए, जब कोई अपना आपका मन दुखाए।
जूझ रहा है देश महामारी के अंगारों पे फिर क्यों करते उलंघन देश के कानूनों का! जूझ रहा है देश महामारी के अंगारों पे फिर क्यों करते उलंघन देश के कानूनों का!
अपना अपना करता है मन कुछ नहीं है अपना रे। अपना अपना करता है मन कुछ नहीं है अपना रे।
पिया मिलन की आस को लेकर, धक-धक हृदय धड़कता रहता। पिया मिलन की आस को लेकर, धक-धक हृदय धड़कता रहता।